हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत ज़ैनब के जन्म दिवस और ईरान में मनाए जाने वाले नर्स दिवस के उपलक्ष्य में नर्सों और चिकित्सा विभाग के शहीदों के परिवारों ने सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की।
इस मौक़े पर सुप्रीम लीडर ने अपने संबोधन में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु बयान किएः
हज़रत ज़ैनब ने पूरे इतिहास को महिलाओं की महान वैचारिक और आत्मिक ताक़त से परिचित कराया। एक तो आपने यह साबित किया कि औरत संयम और सहनशीलता का असीम सागर है। दूसरे यह कि औरत अक़्लमंदी और सूझबूझ की ऊंची चोटी बन सकती है।
नर्सें दिल के इतमीनान का ज़रिया हैं, किसके दिल के इतमीनान का ज़रिया? एक तो ख़ुद बीमार के, दूसरे बीमार के घरवालों के लिए और तीसरे सारे अवाम के लिए। अगर नर्सें न हों तो सब परेशानी और चिंता में रहेंगे।
इस्लाम में तपस्या और आध्यात्मिक कमाल की मंज़िल तक पहुंचने का एक ज़रिया जनसेवा है। आप नर्सेज़ जब अपने पेशे के अनुसार अपने काम में मसरूफ़ हों तो मानो आप तपस्या और आध्यात्मिक कमाल की राह पर अग्रसर हैं।
नर्सों की कड़ी मेहनत और मशक़्क़तों का कलात्मक चित्रण किए जाने के मैदान में सही ढंग से काम नहीं हुआ है। आर्ट के मैदान के लोगों के बक़ौल यह मशक़्क़तें ड्रामों का विषय और कलचरल पूंजी है जिसकी बुनियाद पर कलात्मक शाहकार तैयार किए जाने चाहिएं।